निडरता,निष्पक्षता और राष्ट्र के प्रति समर्पण पत्रकारिता के आधार स्तंभ हैं

सागर.डॉ.हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय,सागर के संचार एवं पत्रकारिता विभाग में भारतीय समाचार पत्र दिवस के अवसर पर विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ.कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विभागाध्यक्ष प्रो.कालीनाथ झा ने भारतीय पत्रकारिता के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसकी यात्रा बड़ी ही संघर्षपूर्ण, मार्मिक एवं उद्देश्यपरक रही है जिसका स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान रहा है.संविधान में भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सर्वोत्तम माना गया है.पत्रकारिता के प्रमुख आधार स्तंभ निडरता और निष्पक्षता,अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एवं राष्ट्र के प्रति समर्पण है.स्वागत वक्तव्य देते हुए पत्रकारिता विभाग के डॉ.विवेक जायसवाल ने भारत में पत्रकारिता के उद्भव और विकास पर प्रकाश डाला और भारतीय पत्रकारिता के इतिहास के महत्व को रेखांकित किया.उन्होंने बंगाल गजट की शुरुआत से लेकर प्रिंटिंग प्रेस और तत्कालीन समय के प्रेस विरोधी नीतियों को चर्चा में रखा.उन्होंने बताया कि प्राचीन समय में आज के दौर की तरह जनसंचार और पत्रकारिता के इतने विविध और प्रभावी माध्यम नहीं थे.सिर्फ प्रिंट मीडिया के रूप में अखबार ही एक मात्र माध्यम हुआ करता था.आज़ादी के आंदोलनों में भाषाई पत्रकारिता का बड़ा अहम योगदान माना जाता है जिसने एकता और अखंडता की नजीर पेश की.मुख्य वक्ता के रूप में पत्रकारिता विभाग के डॉ.अलीम अहमद खान ने भारतीय पत्रकारिता के इतिहास को गहनता से समझाया.उन्होंने बुंदेलखंड की हिंदी पत्रकारिता को प्रमुख रूप से रेखांकित करते हुए बताया कि किस तरह पत्रकारिता हर दौर में प्रसांगिक रही है.चाहे आज़ादी के पूर्व ईस्ट इंडिया कंपनी में व्याप्त भ्रष्टाचार और शोषण रहा हो या उनकी दमनकारी नीतियों के खिलाफ मुखर आवाज बनना हो,पत्रकारिता ने हमेशा अपने संघर्ष से सच को बुलंद किया.वहीं उन्होंने तेजी से बदलती तकनीक पर भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज पत्रकारिता के विविध स्वरूप हम सबके सामने है जिसमें अनेकानेक रोजगार की संभावनाएं व्याप्त है. आज संचार और पत्रकारिता का दायराअसीमित रूप ले चुका है जिसमें पेशेवरों की भारी मांग देखी जा रही है फिर चाहे मुख्यधारा के मीडिया की बात हो या फिर सोशल और डिजिटल मीडिया.प्रसार भारती से लेकर आकाशवाणी और दूरदर्शन में भी स्ट्रिंगर रिपोर्टर से लेकर एंकर, प्रोड्यूसर और अनुभवी संपादकों एवं तकनीकी दक्ष लोगो की वृहद स्तर पर मांग हैं. हमें जरूरत है अपने आपको काबिल बनाने की और समय के साथ अपनी स्किल्स को अपग्रेड करनी है.जिसके बाद इस क्षेत्र में अपार संभावनाओं के द्वार स्वतःखुल जाते हैं. 

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