18 जून, 2025 रंगनाथन सभागार राष्ट्र निर्माण हेतु स्वभाषा का सबल होना आवश्यक है हम अपनी भाषा का जितना अधिक प्रयोग करेंगे यह उतनी ही सबल होगी राजभाषा की समृद्धि के लिए आवश्यक है कि अधिकाधिक प्रशासनिक व्यवहार हिन्दी में ही हो यह बात नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति नराकास की वर्ष 2025-26 की प्रथम छमाही बैठक के दौरान अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में नराकास सागर की अध्यक्ष एवं डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो.नीलिमा गुप्ता ने कही उन्होंने राजभाषा कार्यान्वयन को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सदस्य कार्यालयों द्वारा समन्वित प्रयास किए जाने पर बल दिया
बैठक में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित नरेन्द्र सिंह मेहरा उप निदेशक कार्यान्वयन क्षेत्रीय कार्यान्वयन कार्यालय (मध्य ),राजभाषा विभाग गृह मंत्रालय, भारत सरकार ने सदस्य कार्यालयों को राजभाषा नियमों से अवगत कराया तथा उनके प्रभावी कार्यान्वयन हेतु महत्वपूर्ण सुझाव दिए उन्होंने बताया कि राजभाषा कार्यान्वयन के लिए भारत सरकार की नीति प्रेरणा व प्रोत्साहन की नीति है माननीया अध्यक्ष महोदया का आभार व्यक्त करते हुए मेहरा ने कहा कि आपके यशस्वी नेतृत्व में नराकास, सागर नि:संदेह ही भारत की अग्रणी नराकास के रूप में अपनी पहचान बनायेगी विदित हो कि वर्तमान में देश में 537 नराकास क्रियाशील हैं उक्त कार्यक्रम का समन्वयन विश्वविद्यालय के राजभाषा प्रकोष्ठ द्वारा किया गया जो कि वर्तमान में नरकास, सागर का सचिवालय भी है बैठक का संचालन हिन्दी अनुवादक अभिषेक सक्सेना ने किया विशेष सहयोग राजभाषा प्रकोष्ठ के उच्च श्रेणी लिपिक विनोद रजक का रहा।
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