विश्वविद्यालय भारत की मानवशास्त्र और लोकसंस्कृति की पराकाष्ठा विषयक सांस्कृतिक आयोजन

डॉ.हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय के मानवशास्त्र विभाग द्वारा दिनांक 23 मई 2025 को ‘भारत की मानवशास्त्र और लोकसंस्कृति की पराकाष्ठा’ विषय पर विशेष सांस्कृतिक आयोजन एवं अतिथि व्याख्यान का आयोजन अभिमंच सभागार में किया गया कार्यक्रम की संरक्षक कुलपति प्रो.नीलिमा गुप्ता रहीं विशेष अतिथि व्याख्यान डॉ.सुबल दास सहायक प्राध्यापक,मानवशास्त्र विभाग,गुरु घासीदास विश्वविद्यालय,बिलासपुर द्वारा दिया गया, जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे आधुनिक डिजिटल युग में पारंपरिक संस्कृति विलुप्त हो रही है और उसे कैसे पुनर्जीवित किया जा सकता है प्रो.अजीत जायसवाल प्रोफेसर,मानवशास्त्र विभाग ने भारतीय संस्कृति की विविधता और लोक परंपराओं की महत्ता पर विचार साझा करते हुए कहा लोक संस्कृति हीभारत की पहचान है कार्यक्रम का समन्वयन डॉ. सोनिया कौशल और डॉ.रामेन्द्रनाथ कुंडू ने किया डॉ.सोनिया कौशल ने भारत के हर क्षेत्र की सांस्कृतिक विशिष्टताओं की महत्ता को रेखांकित किया और यह बताया कि किस प्रकार क्षेत्रीय विविधता, भारत की एकता में शक्ति का प्रतीक है
सांस्कृतिक कार्यक्रम में बी.एससी द्वितीय सेमेस्टर के छात्रों ने पंजाब,हरियाणा उत्तर प्रदेश,राजस्थान,बिहार,पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़,ओडिशा,मध्य प्रदेश,तमिलनाडु और उत्तर-पूर्व भारत की लोक संस्कृति को गीत,नृत्य,कविता,गंगा आरती और अन्य प्रस्तुतियों के माध्यम से जीवंत किया
कार्यक्रम का संचालन अनुष्का और जान्हवी ने किया,औरआयोजन को सफल बनाने में अभिज्ञान,नितीश,आलोक सुनील अभिषेक,शैलेन्द्र,सुशांत,नमिता,सलोनी सहित सभी छात्रों का योगदान सराहनीय रहा धन्यवाद ज्ञापन डॉ.ए.बिजयसुंदरी देवी ने किया और छात्रों के नेतृत्व, रचनात्मकता और कठिन परिश्रम की विशेष प्रशंसा की।

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