सागर। आज से 50 वर्ष पहले,25 जून 1975 को देश पर आपातकाल थोप दिया यह केवल एक राजनीतिक निर्णय नहीं था बल्कि यह भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सबसे बड़ा हमला था क्योंकी इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी निर्वाचन को अवैध घोषित कर दिया और उन्हें छह वर्षों के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराया यह बात मध्य-प्रदेश शासन में राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने सागर में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कही मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि 25 जून 1975 की रात को राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने प्रधानमंत्री की सिफारिश पर देश में आपातकाल लागू कर दिया जिसके लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा न तो नियमों का पालन किया गया ना ही संसद से प्रस्ताव पारित कराया गया न ही कैबिनेट को विश्वास में नहीं लिया और आधी रात को राष्ट्रपति से चुपचाप आपातकाल लागू करवाया जो पूर्णतः संविधान के विरुद्ध था साथ में ऐसे नियम बनाने का काम किया जो न्यायालय के नैसर्गिक अधिकारों का भी हनन करते थे बंदी प्रत्यक्षी करण जो कि एक न्यायालय का अधिकार होता है उस पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया संविधान में यदि कोई संशोधन किए जाते हैं तो उनकी समीक्षा करने का अधिकार न्यायालय को होता पर उस पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया साथ में कार्यपालिका के लगभग 29 हजार से अधिक अधिकारी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया एवं एक लाख चालीस हजार से अधिक सार्वजनिक जीवन के कार्यकर्ताओं को नेताओं को पत्रकार बंधुओं को मीसा एक्ट 1971 के तहत जेल में बंद कर कर दिया गया। और कई लोगों को अन्य झूठे आरोप लगाकर बंद किया पत्रकारिता जो लोकतंत्र चौथा स्तम्भ है उसमें काम करने वाले जो जाने माने पत्रकार थे या पत्रकारिता से संबंधित समूहों के मालिक थे उन लोगों को भी जेल में बंद कर दिया गया अखबार में क्या छपेगा क्या नहीं छपेगा ये भी सरकार तय करती थी इस तरह की सेन्सर से समाचार पत्रों पर भी लगा दी गई थी इस तरह से लोकतंत्र के चारों स्तंभों को ध्वस्त करने का कुकृत्य तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी सत्ता बचाए रखने के लिए आज से 50 साल पहले किया था आज उन्हीं के पोते एक स्कूली किताब लिए घूमते जिसे वह संविधान कहते हैं संविधान के प्रावधान इतनी छोटी सी पुस्तक में तो आ नहीं सकते वह उसे लेकर घूमते हैं और संविधान की दुहाई देते हैं।
0 Comments