रक्तदान के क्षेत्र में भूपेन्द्र सिंह का स्ट्राइक रेट देश में सबसे अधिक

सागर।भूपेन्द्र भैया ने रक्तदान शिविरों के माध्यम से समाज और राष्ट्र की सेवा के क्षेत्र में सागर से एक नई ज्योति जलाई है और पुनीत कार्य किया है उन्होंने रक्तदान के माध्यम से समाज का जुड़ाव कर दिया और सबको समरसता का अमृतपान का अवसर दिया है वे अपने जन्मदिन से उनको जीवन दे रहे हैं जिनका जीवन रक्त के अभाव में समाप्त हो सकता है रक्तदान के क्षेत्र में पूरे देश में भूपेन्द्र भैया का स्ट्राईक रेट सबसे अधिक है यह मैंआंकड़ों के साथ बता रहा हूं यह उद्गार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सागर विभाग संघचालक डॉ.जीएस चौबे ने पूर्व गृहमंत्री, वरिष्ठ विधायक भूपेन्द्र सिंह के जन्मदिन पर आयोजित रक्तार्पण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व गृहमंत्री,वरिष्ठ विधायक भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि, मैं आप सभी रक्तदाताओं और शुभचिंतकों के स्नेह से अभिभूत हूं जिन्होंने मेरे जन्मदिन पर इतनी बड़ी संख्या में शिविर में आकर रक्तदान किया आप सभी इस संकल्प अभियान का हिस्सा बने इसके लिए मैं आपका आजीवन ऋणी हो गया और आपके सुख-दुख की चिंता करना मेरी जिम्मेदारी है उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह गैर राजनैतिक कार्यक्रम है यहां पर सभी दलों, जातियों धर्मों के लोगों ने रक्तदान किया है अनेक कांग्रेसजनों ने भी रक्तदान किया है जनप्रतिनिधियों और बहिनों ने बढ़चढ़कर भाग लिया है उन्होंने कहा कि मैं वह सौभाग्यशाली व्यक्ति हूं जो गर्व से कह सकता है कि 13112 रक्तदाताओं से मेरा खून का रिश्ता हो गया है और उनका यह ऋण मैं पूरे जीवन चुका नहीं सकता पूर्व गृहमंत्री ने कहा कि बीते दस वर्षों में हम सभी ने मिलकर 13112 हजार यूनिट रक्त एकत्रित करके संकट में पड़े हजारों लोगों की प्राण रक्षा में अमूल्य योगदान दिया है पूर्व गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि सागर जिला चिकित्सालय और बुंदेलखण्ड मेडिकल कॉलेज की ब्लड बैंकों की क्षमता एक हजार यूनिट है जिसे बढ़ाकर दो हजार यूनिट करने के लिए मैं हर संभव प्रयास करूंगा उन्होंने कहा कि आकस्मिक दुर्घटनाओं में घायलों, डायलिसिस कराने वालों को, केंसर, थैलासीमिया, एनीमिया पीड़ितों को रक्त की कितनी आवश्यकता पड़ती है, यह अस्पतालों के स्टाफ और संवेदनशील जनप्रतिनिधियों को भली-भांति पता होता है खासतौर पर गरीब वर्ग को रक्त जुटाने में कठिनाइयां आती हैं जागरूकता की कमी के कारण मरीजों को परिजन तक रक्तदान करने से मुंह मोड़ लेते हैं ऐसे में ऐसे रक्तदान शिविरों का महत्व रक्तदान संग्रह के साथ रक्त दान के प्रति समाज में जागरूकता बढ़ाने की दिशा में भी होता है उन्होंने कहा कि रक्त की उपलब्धता और रक्तदाताओं का अभाव यदि एक सामाजिक समस्या है तो इस समस्या से मुंह मोड़ने के बजाए संकल्प के साथ भिड़ जाने का मार्ग ही सकारात्मक है। अपने जन्मदिन को फिजूलखर्ची दिखावे और आडंबर के बजाए समाज के हित में सदुपयोग करने का निर्णय कठिन दस वर्ष पहले कठिन था लेकिन क्रमशः दस वर्षों में हमने इसको समाज का अभियान बना कर रक्तदान जैसे सामाजिक दायित्व के बोध को समाज के बड़े हिस्से में पहुंचाया है पूर्व मंत्री सिंह ने कहा कि चार दिन के रक्तदान शिविर में जो भी आया है उनमें से बहुतों ने रक्तदान की सरलता और इसके स्वास्थ्य संबंधी लाभ को देख कर प्रेरणा ली और स्वयं भी रक्तदान किया उन्होंने कहा कि रक्तदाताओं ने यह भी अनुभव किया कि मन और शरीर आनंद और संतुष्टि से भर जाता है रक्तदान के संबध में भ्रांतियों और अज्ञानता को दूर करने में रक्तदान शिविरों की बड़ी भूमिका है यहां आकर ही लोगों को एक दूसरे से मिल कर समझ आता है कि इनमें बहुत से लोग इसलिए रक्तदान करते हैं क्योंकि वे इसके फायदों को समझने लगे हैं। 


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