सागर- नरयावली थाना अंतर्गत सनी कुशवाहा 19 बर्ष अपनी शादी के लिये मानसिक रूप से परेशान रहता था,जो 22 जनवरी को श्रीराम हार्डवेयर अंशुल दुबे रेलवे स्टेशन जरूवाखेडा के पास दुकान पर उसके दोस्त को साथ लेकर रोता हुआ पहुंचा,और सल्पास की गोली मांगने लगा,जिससे सल्पास की गोली मागता देख उसके दोस्त ने दुकानदार को चार-पांच बार मना करने पर और यह कहने पर की सनी कुशवाहा सल्फास खाकर कुछ कर लेगा, जिसकी मां सीमा कुशवाहा ने बताया की यह जानते हुये भी सल्फास खाने से किसी की मृत्यू हो सकती है फिर भी श्रीराम हार्डवेयर के दुकानदार अंशुल दुबे के द्वारा सल्फस की दवाई मृतक उसके बेटे सनी कुशवाह को दे दी थी, जब सनी रात में अपने घर पहुँचा जिससे घर वालो ने उल्टी करता देख पूछा तो सल्फास खाने का पता चला,जिससे प्राईवेट वाहन से मेडिकल में भर्ती कराया जहां उसने इलाज के दौरान 23 जनवरी की रात उसकी मौत हो गए.घटना स्थल से जप्तशुदा सल्फास डिब्बी का नाम दुकानदार अंशुल दुबे द्वारा दिये गये लायसेंस सबंधी दस्तावेज मे लेख नहीं है एव पीसीसी की वैधता दिनाक 31/12/24 तक लेख है जो सम्पूर्ण मर्ग जांच मे दिनांक 18 फरवरी को डीपीओ साहब के द्वारा यह लेख किया गया है कि मृतक के दोस्त के चार-पांच बार मना करने के बाउजुद दुकानदार अंशुल दुबे ने मृतक सनी को सलफास की दवाई विकृय की, जिसे खाकर मृतक सनी कुशवाहा की मृत्यू होने सबंधी तथ्य आए है जो मर्ग डायरी की सम्पूर्ण जांच मे प्रथम दृष्टया अपराथ दुकानदार अंशुल दुबे का कृत्य धारा 105 बीएनएस का अपराध तथा कीटनाशी अधिनियम के लाईसेंस कि शर्तों का उलघंन घटित करना पाये जाने से वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में नरयावली थाने में 22 जनवरी को अपराध कायम किया गया, जिसमें दुकानदार अंशुल दुबे के विरुध्द धारा 105 बीएनएस कीटनाशी अधिनियम 1968 कि धारा 29(3) का अपराध कायम कर विवेचना मे लिया गया है, वहीं मृतक के परिजन मां सीमा कुशवाहा ने बताया कि एक मांह होने के बाद भी अब तक अंशुल दुबे के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है जिसे जल्द गिरफ्तार किया जाना चाहिए, अगर जल्द कार्रवाई नहीं की जाती है तो वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष कार्यवाही की मांग करेंगे.
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