बांदरी। भारत मां के सच्चे सपूत डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी राष्ट्र कीअखंडता के लिए समर्पित थे उन्होंने जीवन पर्यंत पश्चिम बंगाल और जम्मू-कश्मीर की विभाजनकारी ताकतों से लोहा लिया अपने सिद्धांतों से समझौता करने के बजाए उन्होंने सत्ता को तिलांजलि देकर नेहरू मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था यह उद्गार युवा भाजपा नेता अविराज सिंह ने डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी की पुण्यतिथि पर ग्राम पाली व तिगरा खुर्द में बांदरी व बरोदिया भाजपा मंडलों द्वारा आयोजित स्मृति दिवस कार्यक्रमों में व्यक्त किए युवा नेता अविराज सिंह ने कहा कि डॉ.मुखर्जी जी ने जनसंघ की स्थापना करके देश को महान राष्ट्रवादी राजनीतिक विकल्प दे कर भारत की सबसे बड़ी राजनैतिक आवश्यकता को पूरा किया उन्होंने जम्मू-कश्मीर पर तत्कालीन कांग्रेस सरकार और अलगाववादियों से लड़ते हुए अखंड भारत के लिएअपने प्राण न्यौछावर कर दिए मातृभूमि के ऐसे सच्चे उपासक श्रद्धेय डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी का जीवन असंख्य भारतीयों को युगों-युगों तक मार्गदर्शन प्रदान करता रहेगा युवा नेता अविराज सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि डॉ.मुखर्जी को देश की स्वतंत्र भारत की पहली कैबिनेट में शामिल किया गया था डॉ.मुखर्जी ने उस समय कांग्रेस सरकार कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था क्योंकि जम्मू कश्मीर पर नेहरू जी की नीतियों के लिए उन्होंने असहमति जताई थी डॉ.मुखर्जी ने निडरता के साथ नेहरू जी की कश्मीर नीति का विरोध किया था। उस दौर में भारत की आजादी के बाद भी जम्मू कश्मीर जाने के लिए भारतीयों को परमिट लेना पड़ता था 1953 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने एक देश में दो विधान दो निशान दो प्रधान नहीं चलेंगे का नारा दे कर आंदोलन किया और जम्मू कश्मीर तक यात्रा निकाली उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया, 40 दिन वो जेल में रहे और उनकी जेल में ही दुखद मृत्यु हो गई
अविराज सिंह ने कहा कि डा मुखर्जी ने यह सपना देखा था कि कश्मीर को भारत का अभिन्नअंग बनाना है आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से धारा 370 और 35ए को खत्म करके कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बना दिया गया है।
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