पाकिटमार रंगमंडल’ की प्रस्तुति से हुआ प्रथम सागर रंग महोत्सव का आगाज़

सागर.डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर के सांस्कृतिक परिषद और युगसृष्टि थियेटर ग्रुप,सागर के संयुक्त तत्त्वावधान में आठ दिवसीय ‘प्रथम सागर रंग महोत्सव 2025’ का उद्घाटन विश्वविद्यालय के प्रदर्शनकारी कला विभाग में किया गया. कार्यक्रम उद्घाटन सत्र का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीपप्रज्वलन किया गया. उद्घाटन सत्र में विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति प्रो. वाय एस ठाकुर ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की.विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो.डी.के.नेमा,प्रो.अजीत जायसवाल, प्रो.नवीन कानगो एवं वरिष्ठ पत्रकार सूर्यकांत पाठक उपस्थित रहे.सांस्कृतिक परिषद् के समन्वयक एवं आयोजन सचिव डॉ.राकेश सोनी ने स्वागत भाषण एवं आठ दिनों तक चलने वाले कार्यक्रम सागर रंग महोत्सव 2025 के बारे में विस्तृत जानकरी दी.विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति प्रो.वाय एस ठाकुर ने विश्व रंगमंच दिवस की बधाई देते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में अभिनय का बड़ा महत्त्व है.बल्कि यह भी कह सकते हैं मनुष्य का सम्पूर्ण जीवन ही अभिनय है.उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में आयोजित यह महोत्सव रंगमंच के क्षेत्र में कई कलाकारों को मंच प्रदान करेगा. रंगमंच व्यक्तित्व का निर्माण करता है जिससे व्यक्ति अपने जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अपने आत्मबल को मजबूत बनाता है. यह व्यक्तित्व को निखारता है.साहस देता है.सांगठनिक रूप से कार्य करने की प्रेरणा देता है.उपस्थित सभी अतिथियों ने विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दीं और अगले आठ दिनों तक चलने वाले महोत्सव को जोश और कर्मठता के साथ आयोजन को सफल बनाने के शुभकामनाएं दीं.गौरतलब है कि 27 मार्च से 3 अप्रैल तक यह महोत्सव आयोजित किया जा रहा है.प्रत्येक दिवस एक नाटक का मंचन होगा. इसी क्रम में प्रथम दिन असगर वजाहत द्वारा लिखित ‘पाकिटमार रंगमंडल’ की प्रस्तुति हुई.यह एक अनूठा नाटक है,जो पूर्व जेबकतरों औरअसामान्य पृष्ठभूमि से आए कलाकारों की संघर्षपूर्ण यात्रा को दर्शाता है. 

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