सागर.डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर की कुलपति प्रो.नीलिमा गुप्ता ने सत्यम कला एवं संस्कृति संग्रहालय का अवलोकन किया.इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति ने कहा कि डॉ.गौर और उनके द्वारा स्थापित विश्वविद्यालय से जुडी स्मृतियाँ हमारे लिए अमूल्य धरोहर हैं.विश्वविद्यालय में स्थित नव निर्मित डॉ.गौर संग्रहालय में इन स्मृतियों को सहेजा जाएगा. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है कि डॉ.गौर और विश्वविद्यालय से जुड़ी दुर्लभ सामग्री एकत्रित की जाएँ.उन्होंने अपील भी की कि यदि किसी के पास डॉ.गौर से जुड़ी स्मृति सामग्री या दस्तावेज हों तो वे विश्वविद्यालय स्थित गौर संग्रहालय में प्रदान कर सकते हैं.उन्होंने सत्यम कला एवं संस्कृति संग्रहालय के अवलोकन के दौरान बुंदेली संस्कृति से जुडी दुर्लभ एवं प्राचीन सामग्रियों के बारे में जानकारी ली.संग्रहालय में पुराने सिक्के,औजार, तकनीकी उपकरण,फोन,खेती के औजार,बुंदेली संस्कृति के वस्त्र, समाचार-पत्र, वाद्य यंत्र,बर्तन,मापक-यंत्र,आभूषण, घड़ी जैसी वस्तुओं का अवलोकन कर जानकारी प्राप्त की. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के गौर संग्रहालय में बुंदेलखंड की संस्कृति और कला से संबंधित सामग्रियों की भी प्रदर्शनी लगाई जा रही है.संग्रहालय के संस्थापक एवं अध्यक्ष दामोदर अग्निहोत्री ने कुलपति को विश्वविद्यालय के संस्थापक डॉ.गौर से जुड़ी सामग्री भेंट की. उन्होंने विश्वविद्यालय पर केन्द्रित कई स्मृति दस्तावेज भी सौंपे.भेंट की गई मूलप्रतियों में डॉ. गौर द्वारा सागर में विश्वविद्यालय की स्थापना, प्रारंभिक तैयारियों एवं सागर के बहुमुखी विकास हेतु उनके सतत् प्रयासों को सफल बनाने हेतु अपील के दस्तावेज, खादी कपड़े पर हस्तनिर्मित डॉ. गौर का दुर्लभ चित्र, सागर विश्वविद्यालय के 1948 में आयोजित प्रथम दीक्षांत समारोह में पं. रविशंकर शुक्ल जी का समाचार पत्र में प्रकाशित भाषण, वर्ष 1969 में प्रकाशित विश्वविद्यालय की पत्रिका का मुख पृष्ठ आदि सम्मिलित हैं. उन्होंने डॉ. हरीसिंह गौर द्वारा लिखित दुर्लभ पत्र, विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह 1948 की विशेष खबर, महात्मा गांधी जी के निधन पर डॉ. गौर साब द्वारा दी गई श्रद्धांजलि, विश्वविद्यालय में पृथ्वीराज कपूर के सम्मान से सम्बंधित दस्तावेज भी सौंपे.इस अवसर विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलसचिव डॉ. एस.पी.उपाध्याय,गौर पीठ के मुख्य समन्वयक प्रो.नवीन कानगो, निदेशक फैकल्टी अफेयर्स प्रो.अजीत जायसवाल,शिक्षा अध्ययनशाला के अधिष्ठाता प्रो.अनिल जैन,डॉ.रमाकांत,डॉ.चिंतन वर्मा, प्रवीण राठौर एवं विवि के अन्य अधिकारी उपस्थित थे.
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