महिला शांति शिक्षा नेतृत्व पुरस्कार से सम्मानित

डॉ.हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय,सागर की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता को इन्टरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एजुकेटर्स फॉर वर्ल्ड पीस (IAEWP) द्वारा ‘महिला शांति शिक्षा में नेतृत्व’पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह सम्मान कार्यक्रम नई दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेन्टर में आयोजित किया गया।गौरतलब है कि इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एजुकेटर्स फॉर वर्ल्ड पीस (IAEWP) संयुक्त राष्ट्र संघ से सम्बद्ध संस्था है। वर्ष 1969 में स्थापित इस अंतर्राष्ट्रीय एसोसिएशन का उद्देश्य पूरी पृथ्वी पर शांति शिक्षा को प्रोत्साहित करना है, जिसकी पहली बैठक वर्ष 1970 में नार्वे में हुई थी। इसकी लोकप्रियता के आधार पर वर्ष 1973 में संयुक्त राष्ट्र संघ से संबद्धता प्राप्त हुई और तब से निरंतर ही शांति शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी कार्य कर रही है। यह संस्था संयुक्त राष्ट्र बालकोष (यूनीसेफ) एवं यूनेस्को से भी सम्बद्ध है एवं विश्व भर के विभिन्न देशों में इसकी 150 शाखाएं कार्यरत हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ के पूर्व महासचिव कुमारेश मिश्रा,पूर्व वरिष्ठ संयुक्त राष्ट्र एडवाइजर डॉ.मार्कंडेय राय तथा यूनाइटेड नेशन्स एफीलिएटेड इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ वर्ल्ड पीस के अध्यक्ष डॉ.प्रियारंजन त्रिवेदी द्वारा कुलपति को यह पुरस्कार प्रदान किया गया. ज्ञातव्य है कि प्रो.नीलिमा गुप्ता का नाम शिक्षा जगत में देश की प्रतिष्ठित महिला नेतृत्वकर्ता के रूप में विख्यात है जिन्होंने चार सरकारी विश्वविद्यालयों में कुलपति के रूप में कुशलतापूर्वक नेतृत्व किया है।भारत सरकार द्वारा उन्हें मध्य प्रदेश की पहली महिला कर्नल कमांडेंट पद से विभूषित कर सम्मानित किया गया है.बी.डब्ल्यू. एजुकेशन संस्था द्वारा उनका नाम शिक्षा जगत में भारत की 50 प्रभावशाली महिलाओं में सम्मिलित किया गया। उन्हें 80 से ज्यादा राष्ट्रीय,राजकीय तथा अन्य पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है जिनमें से 14 महिला पुरस्कार हैं.एनीमल टैक्सोनॉमी के क्षेत्र में उन्हें प्रतिष्ठित ई.के.जानकी अम्मल राष्ट्रीय पुरस्कार,सरस्वती सम्मान, विज्ञान रत्न-राजकीय पुरस्कार भी मिले हैं.वे यूजीसी, डीएसटी,एआईयू,नैक,सीएसटी,यूपी-सीएआर,नीपा, सीईसी जैसे राष्ट्रीय अकादमिक संस्थाओं की समितियों में चेयरमैन सदस्य हैं.वे विश्व के पाँच द्वीपों जिनमें अमेरिका,यूके,जर्मनी,आस्ट्रेलिया,ताइवान,मिश्र,जापान, चीन,सिंगापुर,थाइलैंड,फ्रांस,भूटान,श्रीलंका,हांगकांग आदि देशों का भ्रमण कर चुकी हैं।वह अंतर्राष्ट्रीय स्तर की शोधकर्ता हैं जिन्हें स्टैन्फोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विश्व के 2 प्रतिशत सर्वोच्च वैज्ञानिकों में सम्मिलित किया गया है। 

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