युवा उत्सव में शास्त्रीय ताल वाद्य प्रतियोगिता में 23 विश्वविद्यालयों के छात्रों ने प्रतिभागिता की जिसमें उन्होंने निर्धारित समय में ताल वाद्य की प्रस्तुति दी.प्रतिभागियों ने हिन्दुस्तानी और कर्नाटक संगीत की धुनों में शास्त्रीय ताल वाद्य की प्रस्तुति दी,जिससे पूरे गौर प्रांगण में एक अद्भुत संगीतात्मक माहौल बन गया।श्रोतागण ने इन युवा कलाकारों की मनमोहक प्रस्तुति को विस्मय और उत्साह के साथ सुना।कई प्रतिभागियों ने तबलावादन में पढ़ंत के साथ हारमोनियम और तबला वादन में पढ़ंत के साथ सारंगी की संगत भी दी,जिससे प्रस्तुति और भी आकर्षक बन गई।शास्त्रीय ताल वाद्य प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में प्रतिष्ठित संगीतज्ञ डॉ.आर.के. राठौर (जयपुर घराना), डॉ.आलोक शुक्ला (खैरागढ़ विश्वविद्यालय), और प्रसिद्ध गायक सोमवीर कथुरवाल शामिल थे। प्रतियोगिता में रवीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय रायसेन,देवी अहिल्या विश्वविद्यालय,इंदौर, भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय,आगरा,राजा मानसिंह तोमर संगीत और कला विश्वविद्यालय,ग्वालियर, डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय,सागर,राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय,भोपाल;और भातखंडे संगीत विश्वविद्यालय,लखनऊ सहित अन्य विश्वविद्यालयों के प्रतिभागियों ने अपनी प्रस्तुतियाँ दीं। युवा प्रतिभाओं ने इस मंच के माध्यम से अपना हुनर दिखाया और शास्त्रीय संगीत की परंपरा को जीवंत रखने का सन्देश दिया.
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